देश के विकास में शिक्षा के क्षेत्र में अद्भुत एवम दृढ़संकल्प के साथ काम करने वाली दिल्ली एनसीआर के ग्रेटर नोएडा में स्थित प्रतिष्ठित एवं नामी संस्था जीएनआईओटी ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन के सदस्यों द्वारा आज झारखंड की राजधानी रांची में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया।
जीएनआईओटी प्रबंधन अध्ययन संस्थान, जीआईएमएस द्वारा इस आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में संस्थान द्वारा मैनेजमेंट शिक्षा जगत में किए गए अद्भुत कार्य एवं संस्था द्वारा देश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए किए जा रहे है बिभिन्न निरंतर प्रयासों को मीडिया से आए हुए बंधुओ से साझा किया।
उन्होंने बताया की आज जीएनआईओटी एजुकेशनल समूह द्वारा आयोजित इस प्रेस कांफ्रेंस का मुख्य उद्देश्य झारखंड राज्य में उच्च शिक्षा के लिए उत्सुक एवं नियमित नई ऊंचाइयों को छूने वाली आकांक्षाओं के लिए एक आशा की किरण के रूप में संस्थान द्वारा किए जा रहे प्रयासों को यहां के विद्यार्थीयों के साथ साझा करने के लिए ही आयोजित किया गया है।
संस्था के ग्रुप आउटरीच हेड पंकज कुमार से इतनी बड़ी संख्या में शिक्षा से संबंधित कार्यक्रम में आने के लिए समस्त मीडिया बंधुओं का तहे दिल से धन्यवाद प्रेषित करते हुए समस्त मीडिया से झारखंड राज्य के विद्यार्थियों के लिए संस्था द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग की अपील की। उन्होंने बताया की संस्था में झारखंड राज्य से अध्यनरत विद्यार्थियों द्वारा अपने मेहनत एवम मेधा के बल पर कई मुकाम हासिल किए गए है, यहा के विद्यार्थियों में टैलेंट की कोई कमी नहीं है। इस राज्य के विद्यार्थी मेहनती होते हैं तथा इन्हीं कारणों से संस्था के चेयरमैन सर के दिशा निर्देश में आज हमलोग झारखण्ड राज्य के विद्यार्थियों में छुपी प्रतिभा को बाहर निखारने के उद्देश्य से आज हमलोग रांची शहर में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए हैं।
जीएनआईओटी ग्रुप तकनीकी, मैनेजमेंट, फार्मेसी, लॉ इत्यादि उज्जु शिक्षा के लिए झारखण्ड राज्य के विद्यार्थियों को हर संभव मदद करती जा रही है तथा बागे भी झारखंड राज्य में शिक्षा के विकास के लिए कई तरह के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
संस्था के सीईओ स्वदेश कुमार सिंह ने बताया की आज पूरे झारखंड राज्य के हर शहरों से शिक्षा के क्षेत्र में अद्भुत कार्य करने वाले शिक्षाविदों को भी आमंत्रित किया गया है तथा उन्हें संस्था द्वारा झारखंड राज्य के अति विशिष्ट गणमान्य अतिथियों के हाथों उन शिक्षाविदों द्वारा किए जा रहे कायों के अनुरूप सम्मानित करने का भी कार्य किया जा रहा।