छिंदवाड़ा: मामला मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के उमरेठ थाना क्षेत्र के दबक गांव की है जहाँ 8 साल पहले गायब हुए बच्चे की जब गुत्थी सुलझी तो सब दंग रह गए ।
आपको बता दे कि बच्चा 2013 में घर से आम तोड़ने की बात कह कर अपने एक मित्र के साथ निकला था। मगर वह फिर दुबारा घर वापस नही लौट सका। परिजनों ने काफी खोजबीन की पर सफलता प्राप्त नही हो सका, थक हार कर परिजनों ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई, पुलिस ने भी काफी खोजबीन की मगर उन्हें भी सफलता नही मिल पाई जिसके बाद पुलिस ने भी फ़ाइल बंद कर दी।
राज्य में गायब बच्चे बच्चियों की खोज के लिए ऑपरेशन मुस्कान चलाया जा रहा है। मामले की समीक्षा के दौरान सामने आया कि 16 साल का बालक 4 दिसंबर 2013 से लापता है। जिसकी अब तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई। जांच टीम ने पूरी जानकारी निकली जिसमे पता चला बच्चा आखरी बार घर से आम तोड़ने की बात कहकर निकला था, मगर फिर घर नहीं लौटा। पुलिस ने उसके मित्र जो कि अब बालिग हो चुका है उससे कड़ाई से पूछताछ की तो मामला साफ हो पाया। उसके मित्र ने बताया के वे दोनों आम तोड़ने बगीचे में गए थे मगर बगीचे के मालिक ने वहाँ पर करंट बिछा रखा था जिसकी चपेट में हम दोनों आ गए थे। उसने बताया कि जैसे ही हम दोनों को करंट का झटका लगा हम दोनों जमीन में गिर गए। उसने बताया कि इस घटना में वो तो बच गया पर उसका मित्र जमीन से उठ नही पाया। उसने बताया के वो पूरी तरह से डरा सहमा घर पहुँचा और किसी को उसने इस बात की जानकारी नही दी।
उसके बयान के आधार पर पुलिस ने बाग के मालिक रामदास को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो रामदास ने बताया की जब वह बगीचा में पहुँचा तो उसने देखा के एक लड़का गिरा पड़ा है जिसके मृत्यु हो गई है इस वजह से वो काफी डर गया और किसी को जानकारी नही दी और वही पर एक गड्ढा खोदकर उसे दफना दिया। पुलिस जांच में राज खुलने के बाद रामदास को जेल भेज दिया गया। साथ ही मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में बाग के मालिक के बताये स्थान पर जमीन को खोदकर बच्चे के कंकाल को निकाला गया और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।