राज्यपाल की मंजूरी मिलने पर दोनों विधेयकों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र को भेजा जाएगा। केंद्र की स्वीकृति के बाद नए सिरे से परिभाषित स्थानीयता और आरक्षण में बढ़ोतरी का प्रावधान लागू हो जाएगा। नौवीं अनुसूची में शामिल होने पर मामला कोर्ट में नहीं जा सकता। एक अन्य फैसले में कैबिनेट ने आंगनबाड़ी सेविकाओं सहायिकाओं की नियुक्ति नियमावली को भी मंजूरी दे दी है। सेविकाओं को अब 6000 की जगह 9500 और सहायिकाओं को 4000 की जगह 4700 रुपए मानदेय मिलेगा। इसके अलावा झारखंड इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को भी मंजूरी दे दी गई।
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वहीं सीएम हेमंत की अध्यक्षता में हुई बैठक में झारखंड कैबिनेट ने बुधवार को दो प्रमुख और महत्वपूर्ण बिलों को मंजूरी दी. इसमें पहला बिल राज्य में स्थानीयता (डोमिसाइल) तय करने से जुड़ा है. इसके लिए सरकार ने 1932 को आधार वर्ष माना है, इसके अनुरूप 1932 या इससे पूर्व रह रहे लोगों को स्थानीय माना जाएगा.
राज्य में 77,000 आंगनबाड़ी सेविका, सहयिका के मानदेय बढ़ोतरी को मंजूरी.
राज्य के आंगनबाड़ी केंद्रों के सुदृढ़ीकरण योजना के तहत इन केंद्रों के सुसज्जीकरण एवं रखरखाव संबंधी प्रस्ताव की मंजूरी.
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (मध्याह्न भोजन योजना) के तहत स्कूली बच्चों को अधिक पोषणयुक्त आहार (हफ्ते में पांच दिन अंडा/फल, दूध) उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को मंजूरी
राज्य के आंगनबाड़ी केंद्रों एवं लघु आंगनबाड़ी केंद्रों में ताजा गर्म पोषण आहार के लिए गैस सिलेंडर एवं कुकिंग स्टोव की सप्लाई योजना में एलपीजी सिलेंडर की दर में संशोधन के बाद मंजूरी.
– राज्य में रबी फसलों के लिए बीज की खरीद पर 90 फीसदी अनुदान को मंजूरी दी गई.
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