मोरबी ब्रिज गिरने से हुआ बड़ा हादसा,अब तक 132 लोगों की मौत,रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

गुजरात के मोरबी जिले में मच्छु नदी पर बना 140 साल पुराना सस्पेंशन केबल ब्रिज के रविवार शाम ढह जाने से एक बड़ा हादसा हो गया, जिसमें अब तक 132 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं. दुर्घटना में 177 लोगों को रेस्क्यू किया गया है ।

राजा-महाराजाओं के समय का यह पुल ऋषिकेश के राम-झूला और लक्ष्मण झूला पुल की तरह झूलता हुआ-सा नजर आता था, इसलिए इसे झूलता पुल भी कहते थे. इसे गुजराती नव वर्ष पर महज 5 दिन पहले ही रिनोवेशन के बाद चालू किया गया था. एक चश्मदीद ने बताया कि कुछ लोग पुल पर उछलने कूदने लगे थे और उसके बड़े तारों को खींचने लगे थे।

चश्मदीद ने कहा कि पुल भारी भीड़ के कारण गिर गया था. उन्होंने बताया कि पुल गिरने पर लोग एक दूसरे के ऊपर गिर पड़े. वहीं, एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, मैं अपने ऑफिस के समय के बाद दोस्तों के साथ नदी के किनारे आया था, जब हमने पुल के टूटने की आवाज़ सुनी तो हम वहां पहुंचे और लोगों को बचाने के लिए पानी में कूद गए.

घटना के बाद संस्पेशन ब्रिज को लेकर भी अलग-अलग जानकारियां सामने आ रही हैं. पुल को फिटनेस सर्टिफिकेट ना मिलने की बात भी कही जा रही है.

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए चश्मदीद अमित पटेल और सुकरम ने बताया, ‘दीपावली की छुट्टियों और वीकेंड की वजह से यहां कई लोग आए थे. पुल गिरा और फिर लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे.”

हर्ष सांघवी ने ये भी बताया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अहमदाबाद से रवाना होते हुए कल ही एक हाई पावर कमेटी का गठन किया था. विभिन्न स्थानों पर तैनात सभी अधिकारियों को सुबह दो बजे तक मोरबी में रिपोर्ट करने को कहा गया है, जांच चल रही है.
पुल की प्रबंधन टीम के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 304, 308 और 114 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों को दो लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है.
बताया जा रहा है कि रविवार होने के कारण बड़ी संख्या में लोग पुल पर पहुंच गए थे.

Share Now

Leave a Reply