कौन थे फादर स्टेन स्वामी, जिनका नाम भीमा कोरेगांव केस में आया था?
भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में गिरफ्तार किए गए एक्टिविस्ट फादर स्टेन स्वामी (Father Stan Swamy) का सोमवार को निधन हो गया. उन्हें NIA ने पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया था. उनके ऊपर UAPA की कई धाराओं के तहत केस दर्ज था.
84 साल की उम्र में स्टेन स्वामी का निधन
कई दिनों से खराब चल रही थी तबीयत
भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में गिरफ्तार किए गए एक्टिविस्ट फादर स्टेन स्वामी (Father Stan Swamy) का सोमवार को निधन हो गया. वो 84 साल के थे और पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी. ज्यादा तबीयत खराब होने के कारण उन्हें होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सोमवार दोपहर बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) को उनके निधन की जानकारी दी गई है.
ऐसा कहा जाता है कि स्टेन स्वामी भारत के सबसे उम्रदराज व्यक्ति थे जिन पर आतंकवाद का आरोप लगा था. जनवरी 2018 में भीमा कोरेगांव (Bhima Koregaon Case) भड़की हिंसा से जुड़े मामले में पिछले साल अक्टूबर में उन्हें गिरफ्तार किया गया था. स्टेन स्वामी को आतंकी घटनाओं की जांच करने वाली नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (NIA) ने गिरफ्तार किया था. NIA ने उनके माओवादियों से संबंध होने के भी आरोप लगाए थे. साथ ही उनपर UAPA की भी कई धाराएं लगाई गई थीं.
जन्म तमिलनाडु में, काम झारखंड में
स्टेन स्वामी का जन्म 26 अप्रैल 1937 को तमिलनाडु के त्रिची में जन्म हुआ था. उनके पिता किसान थे और मां घर चलाती थीं. सोशलॉजी में एमए के करने के बाद उन्होंने बेंगलुरु स्थित इंडियन सोशल इंस्टीट्यूट में काम किया. उसके बाद झारखंड आ गए और यहां के आदिवासियों और वंचितों के लिए काम करते रहे.
शुरुआती दिनों में पादरी का काम किया. फिर आदिवासी अधिकारों की लड़ाई लड़ने लगे. बतौर मानवाधिकार कार्यकर्ता झारखंड में विस्थापन विरोधी जनविकास आंदोलन की स्थापना की. ये संगठन आदिवासियों और दलितों के अधिकारों की लड़ाई लड़ता है. स्टेन स्वामी रांची के नामकुम क्षेत्र में आदिवासी बच्चों के लिए स्कूल और टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट भी चलाते थे.
स्टेन स्वामी पर पत्थलगढ़ी आंदोलन के मुद्दे पर तनाव भड़काने के लिए झारखंड सरकार के खिलाफ बयान जारी करने के आरोप थे. झारखंड की खूंटी पुलिस ने स्टेन स्वामी समेत 20 लोगों पर राजद्रोह का केस भी दर्ज किया था.
भीमा कोरेगांव वाला क्या मामला है?
महाराष्ट्र के पुणे के भीमा कोरेगांव में 1 जनवरी 2018 को दलित समुदाय के लोगों का एक कार्यक्रम हुआ था. एल्गार परिषद ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था. इसी दौरान हिंसा भड़क गई. भीड़ ने गाड़ियां जला दीं. दुकानें-मकानों में तोड़फोड़ कर दी. हिंसा में एक की मौत भी हो गई और कई घायल हुए.
एल्गार परिषद के कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में स्टेन स्वामी को पिछले साल अक्टूबर में NIA ने गिरफ्तार किया था. उनके ऊपर प्रतिंबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) का सदस्य होने का आरोप भी था. हालांकि, स्टेन स्वामी इन आरोपों को खारिज करते रहे.
पिछली साल उन्होंने एक वीडियो जारी कर बताया था कि NIA ने उनके सामने कई ऐसे दस्तावेज रखे हैं, जो कथित तौर पर उनका संबंध माओवादियों से दिखाते हैं. हालांकि, उन्होंने इन सबको साजिश बताया था और आरोप लगाया था कि किसी ने चोरी से उनके कम्प्यूटर में दस्तावेज डाले हैं.