चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा: न्यायपालिका
एक स्वतंत्र अंग है जो सिर्फ संविधान के प्रति
जवाबदेह है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक ख़बर के अनुसार, भारत के चीफ़ जस्टिस एनवी रमन्ना ने अपने संबोधन में न्यायपालिका की स्वतंत्रता को प्रभावित करने की कोशिश करने वाली ‘ताक़तों’ पर निशाना साधते हुए ये बात कही.
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी चाहती है कि न्यायपालिका, सरकार के हर क़दम का समर्थन करे जबकि विपक्षी पार्टियां चाहती हैं कि न्यायपालिका अपने पद और कारणों से आगे निकलकर काम करे.
Judiciary is answerable to the constitution and constitution alone. To ensure checks and balances envisaged in constitution, we need to promote constitutional culture in India : Chief Justice of India NV Ramana at event organised by Association of Indo Americans at San Francisco. pic.twitter.com/zBTezxIP9b
— Live Law (@LiveLawIndia) July 2, 2022
सैन फ्रांसिस्को में एसोसिएशन ऑफ़ इंडियन-अमेरिकन्स के एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने यह बात कही।
वहीं CJI रमना का कहना है, सत्ता में पार्टी का मानना है कि हर सरकारी कार्रवाई न्यायिक समर्थन की हकदार है। विपक्ष को उम्मीद है कि न्यायपालिका अपनी राजनीतिक स्थिति और कारणों को आगे बढ़ाएगी। संविधान और लोकतंत्र की समझ के अभाव में पनपती है यह त्रुटिपूर्ण सोच।
यह आम जनता के बीच जोरदार प्रचारित अज्ञानता है जो ऐसी ताकतों की सहायता के लिए आ रही है जिनका एकमात्र उद्देश्य एकमात्र स्वतंत्र अंग यानी न्यायपालिका को खत्म करना है। मुझे इसे स्पष्ट करने दो। हम अकेले संविधान और संविधान के प्रति जवाबदेह हैं।
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