केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम में कहा कि देश को एक जुट करने जाने-माने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को कई वर्षों तक जानबूझकर कमतर दिखाने की कोशिश की गई और नेताजी सुभाष चंद्र बोस तथा सरदार वल्लभभाई पटेल को उचित पहचान, सम्मान या महत्व नहीं मिला. यहां कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद ये बाते कही ।
उन्होंने ने कहाँ कि देश के युवाओं को स्वंतत्रता सेनानियों द्वारा भुगती गई ‘काला पानी’ की सजा के बारे में जानकारी होनी चाहिए. युवओ को ये जानना चाहिए कि किस तरह से हमारे लोगो ने भारत को अंग्रेजी हुकमत से आज़ाद करने के लिए कितना संघर्ष किया हैं । साथ ही साथ उन्होंने कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का ‘तीर्थ’ होना चाहिए ।
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