उत्तराखंड: उत्तरकाशी टनल हादसे से सुरक्षित सभी 41 मजदूर को बाहर निकाला गया जिसमे झारखंड के 15 मजदूर शामिल थे , वहां से सुरक्षित निकलकर अपने प्रदेश पहुंचे श्रमिकों की खुशी को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। शुक्रवार को रात आठ बजे इंडिगो एयरलाइंस की रांची एयरपोर्ट पर लैंडिंग के बाद बाहर निकलते श्रमिकों में जिंदगी की जंग जीतने की खुशी और विजय की भावना साफ दिख रही थी।
राज्य सरकार के श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री सत्यानंद भोक्ता तथा श्रम सचिव राजेश शर्मा ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। इसके बाद श्रमिकों एवं उनके परिजनों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके आवास पर मुलाकात कराई गई। वहां भी श्रमिकों का स्वागत हुआ। मुख्यमंत्री ने श्रमिकों को सम्मानित भी किया।
राज्य के श्रमवीरों के स्वागत में दलों की दीवार भी टूट गई। रांची एयरपोर्ट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा की राज्यसभा सदस्य महुआ माजी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश और आदित्य साहू ने श्रमवीरों का स्वागत किया।
मजदूरों ने किया दर्द बयां-
वहीं बातचीत मजदूरों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि हमे इस बात का मलाल है कि अगर यहीं नियमित काम मिलता तो वह सिर्फ 600 रुपए की रोजाना मजदूरी के लिए उत्तराखंड नहीं जाते। उन्होंने कहा, अब दोबारा वहां काम करने नहीं जाएंगे। बीमार पिता का इलाज कराना था और पुराने मकान को ठीक कराना था। इसलिए काम करने वहां गए थे। लेकिन, हादसे के बाद अब वापस कभी वहां काम करने नहीं जाएंगे। हादसे को याद करते हुए टिंकू कहते हैं, जब टनल धंसा तो लगा अब नहीं बचेंगे। लेकिन, जब बाहर के लोगों से संपर्क हुआ तो लगा कि अब बच जाएंगे। सभी श्रमिकों का भी यही कहना है कि अगर सरकार झारखंड में ही काम दिलाए और नियमित काम मिले तो कोई भी मजदूर दूसरे राज्य में काम करने नहीं जाएंगे।