ओमीक्रॉन को डब्लूएचओ ने ‘बहुत ज्यादा जोखिम वाला’ बताया।
एजेंसी
जिनेवा, 29 नवंबर: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 के ओमीक्रॉन वेरिएंट को ‘बहुत ज्यादा जोखिम वाला’ मानते हुए पूरे विश्व को आगाह किया है। सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में सामने आए इस नए वेरिएंट के मामले कनाडा, यूके, नीदरलैंड, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया, हॉन्ग कॉन्ग समेत 10 से ज्यादा देशों तक पहुंच चुके हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने इसके बारे में बताया है कि लोगों और देशों को इससे सुरक्षा के लिए क्या कहना चाहिए। गौरतलब है कि भारत सरकार ने भी इसको लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है और जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्रियों के लिए नियम काफी सख्त कर दिए हैं।
ओमीक्रॉन की संक्रामकता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक टेक्निकल नोट के जरिए कहा है कि, ‘यदि ओमीक्रॉन की वजह से कोविड-19 में बहुत ज्यादा इजाफा हुआ तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।’ इसके साथ ही यह भी कहा है, ‘अभी तक ओमीक्रॉन वेरिएंट की वजह से किसी मौत की सूचना नहीं है।’ ओमीक्रॉन पर दुनिया भर में रिसर्च शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि नया कोविड वेरिएंट पहले के डेल्टा,अल्फा, कप्पा, गामा से ज्यादा संक्रामक है।
ओमीक्रॉन कितना गंभीर है?
शुरुआती रिसर्च से लगता है कि दक्षिण अफ्रीका में अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों का दर बढ़ा है। लेकिन, ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि लोग ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं, और यह अभी नहीं कहा जा सकता कि ये सारे ओमीक्रॉन के संक्रमण के ही मामले हैं। अभी तक ऐसी कोई तथ्यात्मक सूचना नहीं है, जिससे पता चले कि ओमीक्रॉन का कोई लक्षण दूसरे वेरिएंट से अलग हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक ओमीक्रॉन की संक्रामकता, गंभीरता या कोविड वैक्सीन , टेस्ट और इलाज पर इसके प्रभाव को लेकर शोध पूरा करने में कई हफ्ते लग सकते हैं।
ओमीक्रॉन कोविड संक्रमितों को टारगेट कर सकता है ?
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक प्रारंभिक साक्ष्य से पता चलता है कि ओमीक्रॉन से बाकी वेरिएंट ऑफ कंसर्न की तुलना में दोबारा संक्रमित होने (जिन लोगों को पहले कोरोना हुआ है, वह इससे दोबारा आसानी से संक्रमित हो सकते हैं) का जोखिम बढ़ गया है, लेकिन अभी इसपर जानकारी सीमित है।
ओमीक्रॉन का वैक्सीन पर असर और इसका इलाज
विश्व स्वास्थ्य संगठन अभी इस नए वेरिएंट का मौजूदा कोविड वैक्सीनों को प्रभावित करने की क्षमता को समझने की कोशिश कर रहा है। कोविड के गंभीर रोगियों के लिए अभी भी कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स और आईएल6 रिसेप्टर ब्लॉकर्स प्रभावी होंगे। हालांकि, बाकी इलाजों का मूल्यांकन किया जाएगा।
देशों को क्या करना चाहिए ?
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले शुक्रवार को ही कोविड के बी.1.1.529 स्ट्रेन या ओमीक्रॉन को वेरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित कर दिया है। इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ ने दुनिया को सलाह दी है कि निगरानी बढ़ाएं, सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग करें और इसके परिणाम को सार्वजनिक तौर पर शेयर करें। इसने कहा है ‘कोविड के फैलाव को रोकने के लिए प्रभावी स्वास्थ्य कदमों को लागू करें, वैज्ञानिक आधार पर जोखिम का विश्लेषण करें। मामले बढ़ने की स्थिति के लिए स्वास्थ्य सेवाएं और मेडिकल क्षमता को बढ़ाना चाहिए।’ यह खुद भी देशों को तैयारी और इससे निपटने के लिए सहायता और मार्गदर्शन कर रहा है।