झारखंड के अनुसूचित क्षेत्र (शिड्यूल एरिया) में नगर निकायों के विभिन्न पदों पर अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित करने को लेकर बुधवार को जनजातीय परामर्शदात्री काउंसिल (टीएसी) मंथन करेगी. इधर, नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना मंगलवार को जारी नहीं की गयी।
झारखंड में अब दो से अधिक संतान रखने वाले लोग चुनावी मैदान में नहीं उतर सकेंगे। राज्य में अबतक चुनाव की तारीख का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन इससे संबंधित नियमों की जानकारी दी गयी है। झारखंड राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों के निर्वाचन पदाधिकारी सह डीसी को प्रत्याशियों की अयोग्यता के संबंध में प्रावधान की जानकारी दी है।
2022-23 के लिए लागू प्रावधान में इसे शामिल किया गया है। अगर प्रत्याशी के दो से अधिक जीवित संतान है, लेकिन यह है कि इस अधिनियम के प्रवृत्त होने के एक साल की अवधि की समाप्ति तक या अगर किसी व्यक्ति को दो से अधिक संतान है, तो वह अयोग्य नहीं होगा। इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया गया है कि पार्षद के निर्वाचन / अयोग्यता / वापसी संबंधित इस अधिनियम और इसके अधीन बनाए गये नियमों के उपबंध आवश्यक परिवर्तन सहित महापौर तथा अध्यक्ष के निर्वाचन / अयोग्यता / वापसी के संबंध में लागू होंगे।
नगरपालिका के सभी करों का भुगतान जरूरी नगरपालिका निर्वाचन 2020 के संदर्भ में धारा 18 (1)(ठ) के प्रावधान के संबंध में स्पष्ट किया गया है कि कोई भी व्यक्ति जो नगरपालिका के निर्वाचन में अभ्यर्थी के रूप में लड़ना चाहता है, तो उसे वित्तीय वर्ष 2021-22 तक नगरपालिका के बकाया सभी करों का भुगतान करना जरूरी है। नगरपालिका में किसी भी प्रकार का शुल्क या कर होगा तो उसे चुनाव लड़ने के योग्य नहीं समझा जायेगा ।