रांची मोरहाबादी मैदान में आदिवासी एकता महारैली आज,बंधु तिर्की ने कहा-आदिवासियों के साथ खिलवाड़ बर्दास्त नही

रांची के मोरहाबादी मैदान में आज आदिवासी एकता महारैली का आयोजन हो रहा है. रैली को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है. पूर्व मंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने शनिवार को प्रेसवार्ता में कहा है कि झारखण्ड में आदिवासियों के मुद्दे की अनदेखी कर न तो सत्ता चल सकती है, ना ही सरकार और न ही राजनीति. इसके साथ-साथ उन्हें बाँटने वाले किसी भी राजनीतिक दल और संगठन को मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा.

कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने कहा कि सरना कोड, पांचवी अनुसूची आदि के साथ ही केन्द्र सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में आदिवासियों की उपयोजना राशि (ट्राइबल सब प्लान) में कटौती किया जाना, आदिवासियों के हित के साथ खिलवाड़ है और इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.

तिर्की ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके अधीनस्थ संगठनों द्वारा आदिवासियों को बाँटने की कोशिश हो रही है। इसके लिए जमीन-आसमान एक कर दिया गया है। लेकिन उन्हें इसमें कोई भी सफलता नहीं मिलेगी। क्योंकि आदिवासी बिना किसी मतभेद के एकजुट हैं और उन्हें दुनिया की कोई शक्ति अलग नहीं कर सकती। तिर्की ने कहा कि जिन-जिन प्रदेशों में बीजेपी सत्ता में है वहाँ आदिवासियों की लगातार अनदेखी की जा रही है।

उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव में गुमला में एक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने सरना धर्मकोड पर विचार करने की बात कही थी। लेकिन उसपर अबतक कोई निर्णय नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि झारखंड से पलायन कर असम के चाय बागानों में मजदूरी कर रहे आदिवासियों को वहां एमओबीसी अर्थात विस्थापित अन्य पिछड़ा वर्ग का दर्जा प्राप्त है। जबकि चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की बात कही थी।

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