दिल्ली में इस सप्ताह होने जा रहे G20 सम्मेलन को लेकर सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इस सम्मेलन को लेकर कई मेट्रो स्टेशन को बंद रखने और साथ ही कई जगहों पर ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति से बचने के लिए रूट डायवर्ट करने जैसे फैसले लिए गए हैं. कुछ इलाकों में किसी भी निजी वाहन की एंट्री को भी रोका गया है.
सुरक्षा व्यवस्था से लेकर तमाम सभी छोटे-बड़े पहलुओं पर खास फोकस किया जा रहा है. लेकिन इस जी20 का हिस्सा बनने के लिए किस देश से कौन प्रतिनिधि शामिल होगा, इसको लेकर अब करीब-करीब स्पष्ट हो गया. दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के समूह (जी20) के नेताओं का शिखर सम्मेलन शनिवार से देश की राजधानी दिल्ली में शुरू होगा.
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जी20 ग्रुप में 19 देश- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, फ़्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, रिपब्लिक ऑफ़ कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किए, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका शामिल हैं.
इसके साथ ही इस ग्रुप का 20वां सदस्य है यूरोपियन यूनियन. यानी यूरोप के देशों का मज़बूत समूह.
इसके अलावा हर साल अध्यक्ष देश, कुछ देशों और संगठनों को मेहमान के तौर पर भी आमंत्रित करता है. जैसे इस बार भारत ने बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशिस, नीदरलैंड्स, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और यूएई को बुलाया है.
जी20 की ताक़त का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इसके सदस्य देशों के पास दुनिया की 85 फ़ीसदी जीडीपी, 75 फ़ीसदी ग्लोबल ट्रेड, दुनिया की 2/3 आबादी है. ऐसे में इस सम्मेलन में लिया गया फ़ैसला दुनिया की इकोनॉमी पर बड़ा असर डाल सकता है.