मेन रोड स्थित रोस्पा टावर के बेसमेंट में 814 वर्गमीटर क्षेत्र में बनी दुकानें तोड़ी जाएंगी। हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की कोर्ट ने बुधवार को इससे संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए एक सप्ताह के अंदर रोस्पा टॉवर की बेसमेंट में हुए अवैध निर्माण हटाने का आदेश दिया है।
1 सप्ताह में नहीं हटाया गया तो नगर निगम को कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि पार्किंग के लिए छोड़ी गई जगह का इस्तेमाल व्यावसायिक गतिविधि के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
रोस्पा टावर के पार्किंग पर हुए कब्जे को नगर निगम ने 72 घंटा में खाली करने का आदेश दिया है. इस संबंध में बुधवार को सहायक नगर आयुक्त द्वारा बिल्डर रौशन कुमार सुरी को नोटिस जारी किया गया. जारी नोटिस में बिल्डर से कहा गया है कि वह कोर्ट के आदेश के आलोक में स्वेच्छा से अतिक्रमण हटा लें, अन्यथा निगम बलपूर्वक इसे तोड़ने की कार्रवाई करेगा. तोड़ने के कार्य में हुए खर्चे की वसूली भी निगम बिल्डर से ही करेगा.
अवैध निर्माण को स्वयं हटाने और तत्कालीन नगर आयुक्त के कोर्ट द्वारा लगाए गए 52.79 लाख रुपए जुर्माना निगम में जमा करने का नोटिस भेज दिया, जबकि इस मामले में निगम के अफसर एक वर्ष से चुप्पी साधे हुए थे।
मामले को लेकर रोस्पा टावर के मैनेजिंग डायरेक्टर सह बिल्डर रोशन कुमार सुरीन की ओर से हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की गयी है.