रिम्स में एक ऐसा मामला सामने आया जिसके बाद यह काफी चर्चा का विषय बना रहा। बुधवार को दिन में एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो जाती है। जिसके बाद उसके परिजन डाक्टरों को बताते हैं कि वह महिला जिंदा है और हरकत कर रही है। इसके बाद काफी हल्ला-हंगामा होता है। जिसके बाद पीजी छात्र भी डर जाते हैं और महिला को उठाकर वेंटिलेटर में डाल देते हैं।
डॉक्टरों के मृत घोषित करने के 7.25 घंटे तक वह मौत से लड़ती रही। परिजनों के कहा, सांसें चल रही थी लेकिन डॉक्टर ने कहा यह मर चुकी है।
रिस्म से पहले भी लापरवाही और अव्यवस्था की खबरें आती रही है। रिम्स में परिजनों ने हंगामा किया और रिम्स प्रबंधन में सवाल खड़े किए। मरीज के पति दिनेश साव ने कहा, सुबह में मरीज को स्थिर बताया और थोड़ी ही देर में मृत बताकर डेड बॉडी कैरिंग सर्टिफिकेट दे दिया गया। हमने देखा तो उसकी सांसे चल रही थी, डॉक्टरों ने कहा जिंदा है हम इलाज कर रहे हैं, शाम को डॉक्टरों ने कहा उनकी धड़कन चल रही है लेकिन फिर दोबारा मृत घोषित कर दिया।
लेकिन जब जांच की जाती है तो पता चलता है कि महिला की मौत हो चुकी है और परिजनों को बताने के लिए फिर से ईसीजी कराया जाता है, जिसमें यह बात सामने आती है कि महिला की मौत हो चुकी है।