देशभर में अपराधियों और अन्य मामलों में बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक देश में कहीं भी मनमाने ढंग से बुलडोजर की कार्रवाई नहीं होगी। हालांकि यह सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश है। शीर्ष अदालत इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करेगा। देश के सभी राज्यों को इन निर्देशों का पालन करना होगा।
वहीं इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर अवैध रूप से ध्वस्तीकरण का एक भी मामला है तो यह हमारे संविधान के मूल्यों के विरुद्ध है. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए यह भी कहा कि बुलडोजर चलाने वाले खुद को जज न समझें।
सुप्रीम कोर्ट उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था जिनमें आरोप लगाया गया था कि कई राज्यों में आपराधिक मामलों में आरोपियों की संपत्तियों को ध्वस्त किया जा रहा है. सॉलिसिटर जनरल तुषार ने कोर्ट से कहा कि ऐसा नेरेटिव सेट किया जा रहा है कि एक विशेष समुदाय को टारगेट करके बुलडोजर की कार्रवाई की जा रही है. पीठ ने वरिष्ठ विधि अधिकारी से कहा, ‘आप निश्चिंत रहें, बाहरी आवाजें हमें प्रभावित नहीं कर सकती हैं.’ पीठ ने मामले की अगली सुनवाई एक अक्टूबर को तय की है.