झारखंड के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों जंगली हाथी ने आतंक मचा रखा है. बीते 12 दिनों में राज्य के पांच जिलों में हाथी के हमले में 16 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. सोमवार-मंगलवार की रात को रांची जिले के प्रखंड में हाथी के हमले में चार लोगों की जान गई है.
लोहरदगा में पांच लोगों की जान लेने के बाद हाथी रांची के इटकी इलाके में पहुंचा । तड़के सुबह हाथी ने इस इलाके में चार लोगों को मार डाला। सुबह 4 बजे हाथियों ने प्रवेश किया और 5 घंटे में 5 लोगों पर हमला किया। इस हमले में 4 लोगों की मौत हो गयी जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है।
हाथी फिलहाल झाड़ियों में छिपा है। हाथी सुरक्षित अपने इलाके में लौट जाए इसकी कोशिश की जा रही है।
धारा 144 लागू
इलाकों में भीड़ को इकट्ठा होने से रोकने के लिए तथा मानव-हाथी द्वन्द्व (Man- Elephant Conflict) में जान-माल की क्षति रोकने हेतु एहतियात के तौर पर सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से अनुमंडल दण्डाधिकारी, सदर, राँची द्वारा दं०प्र०सं० की धारा 144 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए संपूर्ण ईटकी प्रखण्ड क्षेत्राधिकार में निषेधाज्ञा जारी किया गया है। इस आदेश में स्पष्ट तौर पर बताया गया है कि हाथियों के नजदीक किसी को नहीं जाना है। धारा 144 लागू करने के आदेश में पांच महत्वपूर्ण बिंदुओं का जिक्र किया गया है।
पाँच या पाँच से अधिक व्यक्तियों का एक जगह जमा होना या चलना (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों / कर्मचारियों एवं अंत्येष्टि कार्यक्रम को छोड़कर) । 2. किसी प्रकार का ध्वनि विस्तारक यंत्र का व्यवहार करना (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों तथा कर्मचारियों को छोड़कर) ।
3. किसी प्रकार का हरवे-हथियार जैसे लाठी-डंडा, तीर-ध र-धनुष, गड़ासा-भाला आदि लेकर निकलना या चलना (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों / कर्मचारियों को छोड़कर)।
4. किसी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र, जैसे- बंदुक, राईफल, रिवाल्वर, पिस्टल, बम, बारूद आदि लेकर निकलना या चलना (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों / कर्मचारियों को छोड़कर) ।
5. किसी प्रकार का धरना, प्रदर्शन, घेराव, या आमसभा का आयोजन करना।
वही बताया जा रहा कि पिछले 12 दिनों में हजारीबाग, रामगढ़, चतरा, लोहरदगा और रांची जिलों में 16 लोग हाथी के हमले में मारे गए हैं. हाथी को कंट्रोल करने के लिए पश्चिम बंगाल की हाथी विशेषज्ञ टीम से वन विभाग ने संपर्क साधा है.