राज्य में सर्वजन पेंशन योजना की हुई शुरुआत,हर माह गरीब और बुजुर्गों को मिलेगा लाभ।
राज्य सरकार द्वारा समाप्त करने का प्रतिफल है कि अब तक पेंशन से वंचित राज्य के योग्य लाभुक सरकार द्वारा लागू की गई सर्वजन पेंशन योजना से आच्छादित हो रहे हैं. सभी छुटे हुए वृद्ध, विधवा, निराश्रित महिला, दिव्यांग्जन, आदिम जनजाति एवं एचआइवी एड्स पीड़ित को योजना से जोड़ने की प्रक्रिया जारी है।
साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा पहले पेंशन की राशि आने में महीनों लग जाते थे। बैंकों के चक्कर काट-काट कर गरीब परेशान हो जाता था। हर महीने की 5 तारीख तक पेंशनधारियों के खाते में पेंशन की राशि देने का मैंने निर्देश दिया है। पेंशन की राशि पेंशनधारियों के खाते में नहीं जाने पर संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में 2020 से पूर्व तक पेंशन और राशन देने की बात राज्य के वंचित लोग कहते थे. वर्तमान सरकार के गठन के बाद केंद्र सरकार से आग्रह किया कि राज्य के वृद्ध, निःशक्त, निराश्रित महिला का पेंशन यूनिवर्सल कर दें, लेकिन केंद्र सरकार का लंबे इंतजार के बाद भी कोई जवाब नहीं आया. इसके बाद राज्य सरकार ने निर्णय लिया और सभी को पेंशन देने का कानून बनाया गया।
जो 60 वर्ष से अधिक उम्र का होगा उसे पेंशन प्राप्त होगा. जो पदाधिकारी सहयोग नहीं करेंगे, उनकी नौकरी जायेगी. सरकार ने विधवा पेंशन की तय 40 वर्ष की आयु एवं दिव्यांग के लिए निर्धारित 18 वर्ष की आयु सीमा को समाप्त कर दिया, ताकि सभी को पेंशन को लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री ने गुमला की चंदू तिर्की, मीरा देवी को वृद्धावस्था पेंशन, यमुना कुमारी को निःशक्त पेंशन एवं सकुंटी बिरहोर को आदिम जनजाति पेंशन योजना के तहत ₹1 हजार की पेंशन राशि प्रदान की। मुख्यमंत्री ने कहा सरकार गरीब-गुरुबा को देगी पेंशन और राशन का अधिकार, कोई नहीं रहेगा अछूता। pic.twitter.com/WFjDsV1qil
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) June 8, 2022
राज्य सरकार द्वारा समाप्त करने का प्रतिफल है कि अब तक पेंशन से वंचित राज्य के योग्य लाभुक सरकार द्वारा लागू की गई सर्वजन पेंशन योजना से आच्छादित हो रहे हैं. सभी छुटे हुए वृद्ध, विधवा, निराश्रित महिला, दिव्यांग्जन, आदिम जनजाति एवं एचआइवी एड्स पीड़ित को योजना से जोड़ने की प्रक्रिया जारी है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में 2020 से पूर्व तक पेंशन और राशन देने की बात राज्य के वंचित लोग कहते थे. वर्तमान सरकार के गठन के बाद केंद्र सरकार से आग्रह किया कि राज्य के वृद्ध, निःशक्त, निराश्रित महिला का पेंशन यूनिवर्सल कर दें, लेकिन केंद्र सरकार का लंबे इंतजार के बाद भी कोई जवाब नहीं आया. इसके बाद राज्य सरकार ने निर्णय लिया और सभी को पेंशन देने का कानून बनाया गया।
जो 60 वर्ष से अधिक उम्र का होगा उसे पेंशन प्राप्त होगा. जो पदाधिकारी सहयोग नहीं करेंगे, उनकी नौकरी जायेगी. सरकार ने विधवा पेंशन की तय 40 वर्ष की आयु एवं दिव्यांग के लिए निर्धारित 18 वर्ष की आयु सीमा को समाप्त कर दिया, ताकि सभी को पेंशन को लाभ मिल सके।
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