यूपी की एक एसडीएम ज्योति मौर्य को लेकर बवाल छिड़ा है. यह कहानी अभी चल ही रही है कि इसी से मिलती-जुलती कहानी बिहार के हाजीपुर से भी सामने आ गई है. एक मजदूर पति ने अपनी पत्नी को पढ़ा-लिखाकर शिक्षक बनाया. जब उसकी सरकारी नौकरी लग गई तो वह स्कूल के प्रिंसिपल के साथ ही फरार हो गई.
25 फरवरी 2022 को उसकी पत्नी ने शिक्षिका के पद पर प्राथमिक विद्यालय जोरपुरा में काम किया। इसके बाद वो अपनी पत्नी को बाइक से विद्यालय पहुंचाने लगा।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक की कुदृष्टि उसकी पत्नी पर थी । प्रधानाध्यापक ने उसकी शिक्षिका पत्नी को बहला- फुसलाकर पति और दोनों बच्चों से अलग कराते हुए अपने गृह क्षेत्र में एक घर में शिफ्ट करा दिया।
बताया जाता है कि चंदन के दो मासूम बच्चे बच्चे हैं. दोनों को अकेले पाल रहा है. एक 12 साल की बेटी और एक सात साल का बेटा है. उसने कहा कि दो जुलाई को ही थाने में आवेदन देने गया था लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया. थाने से भगा दिया. इसके बाद जब सोशल मीडिया पर खबर चली तब जाकर आठ जुलाई को केस दर्ज किया गया.