रांची: लॉडस्पीकर बजाने को लेकर हाईकोर्ट का सख्त निर्देश,इन इलाकों में बजाने वाले कि नही होगी खैर

झारखंड हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण मामले में शुक्रवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की. जहां अदालत ने झारखंड सरकार को शपथ पत्र दाखिल नहीं करने की वजह से कड़ी फटकार लगायी. कोर्ट ने कड़ी चेतावनी देते हुए राज्य सरकार को कहा कि किसी भी हाल में रांची शहर में रात 10 बजे के बाद लाउड स्पीकर नहीं बजना चाहिए. अगर जरूरत पड़ी तो इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करें.

इसके तहत हाईकोर्ट, सिविल कोर्ट, एसडीओ काेर्ट, विवि व कॉलेजों समेत 42 प्रमुख हॉस्पिटल, विधानसभा, नेपाल हाउस व प्रोजेक्ट भवन सचिवालय के 100 मीटर की परिधि को साइलेंट जोन घोषित किया गया है। इस जोन में सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक 50 डेसिबल और रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक 40 डेिसबल ध्वनि ही मान्य होगा।

शहर में लगातार बढ़ रहे ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए एसडीओ दीपक दुबे ने तय ध्वनि मानक से अधिक शोर करने पर रोक लगा दी है। 8 फरवरी से अगले 60 दिनों के लिए अधिक शोर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का कागजी फरमान जारी किया है।

कोर्ट ने रांची SSP, ट्रैफिक SP एवं नगर आयुक्त को कहा कि वह मिलकर यह देखें की ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम हो रही है या नहीं।

कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि रात में 10 बजे के बाद किसी भी हालत में रांची शहर में लाउडस्पीकर नहीं बजनी चाहिए। इस संबंध में अगर जरूरत पड़े तो FIR किया जाए।

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