विगत कई दिनों से राँची शहर में राँची नगर निगम के द्वारा पुराने भवनों को भी नोटिस दिया जा रहा है जिससे पुरे शहर में भय का माहौल है , इस विषय को लेकर पिछले कई दिनों से उप महापौर संजीव विजयवर्गीय के द्वारा मुख्य सचिव , झारखण्ड सरकार एवं प्रधान सचिव , नगर विकास विभाग से मुलाकात कर एवं पत्राचार कर राँची शहर वासियों के निदान के लिए भवनों को रेगुलाईज करने हेतु झारखण्ड सरकार के द्वारा कार्रवाई करने के लिए प्रयासरत हैं , परन्तु उप – महपौर के द्वारा लगातार पत्राचार के माध्यम से अवगत कराने के बावजूद खेदपूर्वक कहना पड़ रहा है कि इस पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई होता प्रतित नहीं हो रहा है राँची शहर के आम जनता से जुड़ी कई समस्याओं एवं उसके समाधान हेतु पिछले कई वर्षों से उप महापौर श्री संजीव विजयवर्गीय जी के द्वारा पत्राचार के माध्यम से लगातार प्रयास किया जा रहा है , इस पर संज्ञान लेते हुए नगर परिषद की बैठक में कई योजनाओं को पास करा कर विभाग में भेजने का काम लगातार कई वर्षों से किया जा रहा है । राँची नगर निगम एवं जिला प्रशासन के द्वारा नदी नालो के किनारे बसे घरो को तोड़ कर नदी , नालो को अतिक्रमण मुक्त किया जा रहा है । साथ ही साथ पूरे नदी , नालों के अतिक्रमण के अलावा प्रशासन द्वारा पुरे राँची शहर में अवस्थित बिना नक्शा के भवनों के भवन मालिकों को नोटिस दिया जा रहा है । जिससे पुरे शहर में भय का महौल बना हुआ है । राँची वासियों को इस भय के माहौल से निकालने के लिए भवन Regularization का सरल प्रारूप तैयार करने की आवश्यकता है , जिससे की शहर के वैसे मकान जो अतिक्रमण में नहीं आते है , उसे नियमित किया जा सकें मेरे द्वारा विभाग को भवन Regularization के लिए कई बार पत्राचार एवं मिलकर आग्रह किया गया है , जिससे की राँची सहित पुरे झारखण्ड के ऐसे मकान जिसका नक्शा पूर्व में पास नहीं है । वह Regularize हो जाए , जिससे आम नागरिक शांति एवं भय मुक्त वातावरण में रह सकें । एक तरफ हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा गरीबों को एवं जिनका आवास नहीं उनको आवास देने का काम प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कर रहें है । वहीं राँची नगर निगम घरों को उजाड़ने का काम कर रहीं । यह चिंतन का विषय हैं । वैसे गरीब लोग जिनके द्वारा जमीन का अतिक्रमण किया गया है । उनका सर्वे कराप्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत उनको उजाड़ने से पहले उनको बसाने की योजना सरकार की बनानी चाहिए । भवन रेगुलाईज का शुल्क वर्तमान में 1000 रू ० / – प्रति वर्ग फीट है । क्या Building Bylaws के इस नियम के तहत लोग इसे कर पाएँगे , आज मकान बनाने की कीमत 1000 एवं प्रति वर्ग फीट होगी । उतना ही सरकार फाईन लगाकर Deviation या नया भवन को रेगुलाईज करेगी । क्या ऐसे नियम से कोई आम व्यक्ति इसे कराने के लिए निगम में आएगा । 1974 के पूर्व में क्या कोई एजेन्सी थी जो नक्शा बनाती थी जितना मुझे जानकारी है कि Building Bylaws में भी 1974 के पूर्व के भवनो पर यह नियम लागू नहीं होता है तो फिर इस तरह की कार्रवाई क्यों ? आज झारखण्ड के 15 लाख से अधिक एवं शहर के 2 लाख घरों के मालिक भय में जी रहें हैं तो क्या सरकार का यह कर्त्तव्य नहीं है कि जिस जनता ने सरकार बनाई हैं , उनके लिए राहत पहुँचाने का काम करें । मैं समझता हूँ कि शीघ्र निर्णय लेने की आवश्यकता है । झारखण्ड सरकार इस विषय को संज्ञान में लेते हुए जल्द से जल्द पुराने भवनों को रेगुलाईज करने हेतु नियमावली बनाये । जिससे राँची शहर वासी भय मुक्त वातावरण में रह सकें…