झारखंड में राहुल गांधी को एक और झटका लगा है। मोदी सरनेम वाले बयान पर उन्हें रांची के एमपी-एमएलए कोर्ट में हाजिर होना होगा। कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी है जिसमे उन्होंने व्यक्तिगत पेशी से छूट मांगी थी। राहुल गांधी के वकील ने अदालत से गुज़ारिश करते हुए कहा था कि राहुल को व्यक्तिगत पेशी से छूट दी जाए लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया।
राँची के एमपी-एमएलए कोर्ट में राहुल गांधी ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 205 के तहत आवेदन देकर यह छूट चाही थी, जिसे अनामिका किस्कू की विशेष अदालत ने ख़ारिज कर दिया.
अब 23 मई को इस मामले की अगली सुनवाई होगी. अपर लोक अभियोजक पुष्पा सिन्हा ने मीडिया को यह जानकारी दी..
सूरत की एक अदालत द्वारा ऐसे ही एक मामले में सज़ा मुक़र्रर होने के बाद अपनी सांसदी गंवा चुके राहुल गांधी की मुश्किलें इस ताजा फ़ैसले से फिर बढ़ सकती हैं. उन्हें व्यक्तिगत तौर पर पेशी के लिए झारखंड आना पड़ सकता है.
राहुल गांधी ने एक जनसभा में मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी कर दी थी। राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक में एक चुनावी सभा के दौरान कहा था, ‘नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी… सबका कॉमन सरनेम क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है ?’ राहुल की इस टिप्पणी को लेकर बीजेपी विधायक पूर्णाश मोदी ने उनके खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था।