कोविड के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से बचाव के लिए झारखंड सरकार सतर्क नजर आ रही है। खासकर बाहर से राज्य में आने वालों पर विशेष तौर पर नजर रखी जा रही है।इतना ही नहीं, विदेश से लौटे कोविड पॉजिटिव मरीजों के लिए रांची के सदर हॉस्पिटल में 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार कर लिया गया है। राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में ट्रॉमा सेंटर को फिर से 100 वार्ड के स्पेशल कोविड वार्ड में तब्दील कर दिया गया है।
7 दिनों तक क्वारंटाइन रहना है जरूरी
विदेश से आए लोगों में से कोई कोविड पॉजिटिव पाया जाता है, तो उन्हें हॉस्पिटल में बनाए गए विशेष आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा।जो लोग कोविड निगेटिव पाए जाते हैं, उनके लिए भी 7 दिनों तक क्वारंटाइन रहना और 8वें दिन कोविड टेस्ट कराना अनिवार्य किया गया है।सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों को इन नियमों का अनुपालन सुनिश्चत करने को कहा गया है।जो लोग हाल के दिनों में विदेश से लौटे हैं, उनकी ट्रैवल हिस्ट्री पता करने और उनके बारे में पता लगाने के लिए सर्विलांस टीमें भी बनाई गई हैं।
नए वेरिएंट की पहचान की व्यवस्था नहीं
हालांकि, झारखंड में कोविड के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की पहचान की व्यवस्था नहीं है।संदिग्ध मरीजों के सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भुवनेश्वर भेजे जाएंगे।वहां भी एक महीने के पहले रिपोर्ट मिलने की संभावना नहीं है।राज्य के 2 मेडिकल कॉलेज रिम्स और एमजीएम में जीनोमो सिक्वेंसिंग के लिए मशीन की खरीदारी के प्रस्ताव को 8 माह पहले ही स्वीकृत करा लिया गया था, लेकिन ये मशीनें अब तक नहीं खरीदी जा सकी हैं। रिम्स के अधीक्षक का कहना है कि एक महीने के अंदर मशीनें खरीद ली जाएंगी।