रांची: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने खुलासा किया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनिज लीज से जुड़े मामले में चुनाव आयोग की राय पर वह सेकेंड ओपिनियन ले रहे हैं. उन्होंने कहा, ओपिनियन आने के बाद निर्णय लूंगा कि क्या करना है. वैसे दिल्ली में तो पटाखे पर प्रतिबंध है, पर झारखंड में नहीं. हो सकता है एक-आध एटम बम फट जाये.
इस बीच उन्होंने चुनाव आयोग से हेमंत सोरेन की सदस्यता, अयोग्यता के मसले पर दोबारा मंतव्य मांगा है। बता दें कि हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता को लेकर ऊहापोह की स्थिति पिछले दो महीने से बनी हुई है। लंबी सुनवाई के बाद 25 अगस्त को भारत निर्वाचन आयोग ने गवर्नर को मंतव्य दे दिया था, एक बार फिर चुनाव आयोग के पाले में गेंद डाल दी गई है। राज्यपाल ने कहा कि जबतक वे संतुष्ट नहीं हो जाते, तबतक किसी तरह का आर्डर करना ठीक नहीं है।
राज्यपाल बैस रायपुर से गुरुवार की रात रांची लौट आयेंगे. राज्यपाल ने कहा कि झारखंड के राज्यपाल के रूप में जब मैं वहां गया, तो मुझे वहां की राजनीति के बारे में जानकारी मिली. मुझे एक मामले की जांच के लिए आवेदन मिला. वह चुनाव से संबंधित था।
राज्यपाल द्वारा दिए गए बयान के बाद झारखंड में सियासी हलचल तेज हो गई है. बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. जहां विपक्ष इसे सुनियोजित करार दे रही है वहीं सत्तापक्ष संवैधानिक कार्य और संवैधानिक निर्णयों का सम्मान करने का हवाला दे रही है.
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