
झारखंड विधानसभा में चौथी बार वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने बजट पेश किया. इस दौरान वित्त मंत्री ने 1 लाख 16 हजार 418 करोड़ रुपये का बजट पेश किया.
इस दौरान कई नयी योजनाओं की घोषणा की. वहीं, राज्य के किसानों की आमदनी बढ़ाने को लेकर कई प्रावधान भी किये. इसके अलावा ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा पर जोर दिया.
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि यह झारखंड का हमीन कर बजट है। वही उन्होंने कहा हमने स्थापना से ज्यादा योजनाओं पर जोर दिया है। इसका मतलब है कि हम चाहते हैं कि लोगों का ज्यादा से ज्यादा विकास हो। सदन में उन्होंने कहा कि यह बजट सभी वर्गों से सुझाव लेकर बनाया गया है। राज्य पिछले तीन सालों में विकास की ओर बढ़ा है।
बजट अभिभाषण के मुताबिक सरकार ने लगभग हर क्षेत्र को बजट आवंटित किया है। लेकिन सरकार का जोर स्थापना से ज्यादा योजनाओं पर है। राज्य सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर कृषि तक को फोकस करते हुए योजनाएं लागू करने को लेकर वजट फोकस किया है।
इसके तहत सिंचाई व्यवस्था और जल संरक्षण के लिए पांच एकड़ से कम क्षेत्र वाले तालाबों का मशीन से गाद हटाने और डीप बोरिंग कराने पर 500 करोड़ रुपये खर्च करने पर जोर दिया गया है। वहीं सौर ऊर्जा आधारित माइक्रोलिफ्ट ईरिगेशन के लिए कृषि समृद्धि योजना लागू की जाएगी। कृषि क्षेत्र में पेस्टीसाइड तथा फर्टीलाइजर का उपयोग कम करते हुए जैविक खेती के प्रमोशन के लिए फसल सुरक्षा कार्यक्रम शुरू की जाएगी। ये योजनाएं बताती हैं कि 2023-24 का वर्ष योजनाओं के कृयान्वयन का होगा।
वही आज इस बजट में मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि अब तक जितने भी बजट पेश किए गए हैं उसमें सामान्य तौर पर 10 प्रतिशत की वृद्धि होती थी लेकिन हमने बजट में 15 प्रतिशत की वृद्धि की है। सीएम मेधा छात्रवृति योजना, सीएम गंभीर म योजना, धोती साड़ी लूंगी योजना सहित सभी लोगो जुड़े हुए है।
बजट में श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के लिए बजट में 67% की वृद्धि की गई है। श्रम नियोजन के लिए 985 करोड़ का बजट प्रस्तावित है। वहीं मुख्यमंत्री सारथी योजना के तहत राज्य की 1 लाख 40 हजार युवक युवतियों को कौशल प्रशिक्षण दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है।