झारखंड के रांची में एक चमत्कारिक कुएं की कहानी हर किसी को हैरान करने वाली है। बताया जाता है कि इस कुएं में पानी के साथ सोना निकलता है लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि उस सोने को कोई भी इंसान अपने साथ नहीं ले जाता।
बताया जा रहा है कि इस कुएं से सोने का कण निकलता है.लेकिन कोई इस सोने के कण को अपने पास रख नहीं पाता.दरअसल, कुएं से ही झारखंड की सबसे लंबी नदी स्वर्णरेखा निकलती है.यह स्वर्णरेखा नदी का उद्गम स्थल है.सोना निकलने के कारण ही नदी का नाम स्वर्णरेखा पड़ा.
शिव मंदिर के पुजारी देवेंद्र बताते हैं कि इस चमत्कारी कुएं से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं हैं, जिसके चलते स्थानीय लोगों के साथ बाहर से भी लोग यहां पूजा पाठ करने आते हैं। लोगों का मानना है कि इस सोना उगलने वाले चमत्कारी कुएं को साक्षात् देवी का आशीर्वाद प्राप्त है। उन्होंने बताया कि इस पूरे नगरी प्रखंड में होने वाले किसी भी धार्मिक कार्य के लिए इस चमत्कारी कुएं के पानी का इस्तेमाल किया जाता है।
पुजारी देवेंद्र ने कुएं से निकलने वाले सोने के कण को अपने पास न रखने के पीछे की कहानी को बताते हुए कहा कि लोग इस चमत्कारी कुएं के पानी को धार्मिक मान्यताओं के आधार पर पूजते हैं और इसीलिए कोई भी व्यक्ति अपने पास सोने के कण को नहीं रखता है। इसके साथ ही, कुएं के पानी से निकलने वाले सोने के कण को अगर कोई अपने पास रखना भी चाहे तो उसके साथ कोई न कोई हादसा हो जाता है।
इसके साथ ही उन्होंने आगे बताया कि बीते समय में ऐसा कई बार हुआ है जब इस चमत्कारी कुएं से पानी निकालते वक्त कुछ सोने के कण हाथ में आ जाते हैं लेकिन लोग उसे अपने साथ ले जाने के बजाए वापस कुएं में ही डाल देते हैं। उन्होंने बताया कि एक दो बार ऐसा भी हुआ है जब किसी ने सोने के कण को अपने पास रखना चाहा, जिसके बाद इस चमत्कारी कुएं से वापस लौटते समय उस व्यक्ति के साथ बड़ा हादसा हो गया।