पढ़ाई के दौरान जर्मनी की युवती और बिहार के सहरसा के युवक में नजदीकियां बढ़ीं। फिर प्यार हुआ। उसने शादी का प्रस्ताव रखा, जिसे लड़के के परिवार वालों से स्वीकार कर लिया। अब दोनों की मिथिला परंपरा से शादी हुई। युवती की मां पोलैंड की रहने वाली है। वह भी शादी में आई हुई थीं।
इस शादी की पूरे इलाके में काफी चर्चा हो रही है। शादी हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार हुई। शादी में जर्मनी की लड़की की मां, बहन के अलावा एक रिश्तेदार भी मौजूद दिखे। शादी जिले के पटुआहा स्थित आम गाछी में सम्पन्न हुआ।
शिलांग से बीटेक करने के बाद बेल्जियम से एमएस की डिग्री हासिल की। जिसके बाद पीएचडी के लिए जर्मनी चले गये। वहां पढ़ाई के दौरान मार्था जो खुद पीएचडी कर रही हैं उससे जान-पहचान हुई, जिसके बाद शादी का प्रस्ताव आया। परिजनों की रजामंदी से गांव में मिथिला के रीति-रिवाज के अनुसार पूरे विधि विधान से शादी हुई।
उन्होंने बताया कि फिलहाल मार्था हिंदी नहीं जानती है, लेकिन उसने दो महीने में हिंदी सीखकर हिंदी में बात करने का भरोसा दिया है। हालांकि लड़की को दुनिया की आठ भाषाओं का ज्ञान हैं। उसने बताया कि उसे भारत और भारतीय दोनों काफी पसंद हैं।
दोनों की दोस्ती जर्मनी में ही हुई। दोनों जर्मनी में पीएचडी कर रहे थे। दूल्हे के चाचा ध्रुव झा ने बताया कि चैतन्य झा की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई सहरसा में ही हुई है। फिर चैतन्य ने शिलॉन्ग से बीटेक करने के बाद बेल्जियम से मास्टर की डिग्री हासिल किया।
दोस्ती के दौरान ही लड़की के ने शादी का का प्रस्ताव आया। दोनों परिवार वालों की रजामंदी से मिथिला परंपरा के अनुसार दोनों की शादी हुई।