दिल्ली में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और नगर निगम चुनाव जीतने वाले कांग्रेस के 2 नवनिर्वाचित पार्षद आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं. दिल्ली कांग्रेस उपाध्यक्ष अली मेहंदी के साथ मुस्तफाबाद से पार्षद सबिला बेगम और ब्रिजपुरी से पार्षद नाज़िया खातून ने आप (AAP) का दामन थाम लिया है.
कांग्रेस के इन दो नवनिर्वाचित पार्षदों के आम आदमी पार्टी में ज्वाइनिंग के बाद एमसीडी में AAP के पार्षदों की संख्या 136 हो जाएगी. वहीं कांग्रेस के अब 9 से घटकर 7 पार्षद ही रह जाएंगे।
Delhi | Two winning councillors of Congress, Sabeela Begum from Mustafabad ward number 243 and Nazia Khatoon (in pic) from Brijpuri ward number 245 joined Aam Aadmi Party today pic.twitter.com/hnXiSgIieN
— ANI (@ANI) December 9, 2022
हालांकि देर रात हुए ड्रामे के बाद इनमें से कुछ- दिल्ली कांग्रेस में अल्पसंख्यक मोर्चा के उपाध्यक्ष अली मेहदी, मुस्तफ़ाबाद के ब्लॉक अध्यक्ष जावेद चौधरी और नेहरू विहार से ब्लॉक अध्यक्ष अलीम अंसारी ने कहा कि उनसे ग़लती हुई अब वो वापस कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं.
अली मेहदी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया चैनल पर एक के बाद एक कई वीडियो जारी कर राहुल गांधी से माफी मांगी और कहा कि वो, जावेद चौधरी (नाज़िया ख़ातून के पति) और अलीम अंसारी हमेशा “कांग्रेस में थे, हैं और रहेंगे.”
वीडियो में अली मेहदी ने कहा “मुझसे ग़लती हुई है जिसके लिए मैं हाथ जोड़ कर राहुल गांधी से, प्रियंका गांधी से, सभी क्षेत्रवासियों से और कांग्रेस से माफ़ी मांगता हूं.”
उन्होंने कहा कि वो कांग्रेस का कार्यकर्ता बने रहना चाहते हैं, उन्हें किसी पद को लालसा नहीं है.
मैं राहुल गांधी जी का कार्यकर्ता हू 🙏 pic.twitter.com/sA9LPuk0kn
— Ali Mehdi🇮🇳 (@alimehdi_inc) December 9, 2022
रात के दो बज रहे हैं और कॉंग्रेस के सिंबल पर मुस्तफ़ाबाद से जीते पार्षद फिर से वापस कॉंग्रेस में लौट आये, धोखा देकर उन्हें आम आदमी पार्टी ज्वाइन करायी गई थी महज़ चंद घंटे में उन्होंने अपनी भूल सुधारी और अभी फिर से कॉंग्रेस का हिस्सा बन गये।@INCDelhi @kcvenugopalmp pic.twitter.com/NnBQGenuEX
— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) December 9, 2022
इमरान प्रतापगढ़ी ने शुक्रवार रात को एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें वो जावेद चौधरी, अलीम अंसारी का स्वागत करते दिखे. वीडियो में उन्होंने कहा, “केजरीवाल के लोग इन्हें बरगला कर साथ रखना चाहते थे लेकिन वो ऐसा नहीं कर सके क्योंकि इन्हें राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है.”