लिव-इन रिलेशन में जन्मे बच्चे को मिलेगी पारिवारिक संपत्ति पाने का अधिकार: सुप्रीम कोर्ट

लिव-इन रिलेशन में जन्मे बच्चे को मिलेगी
पारिवारिक संपत्ति पाने का अधिकार: सुप्रीम कोर्ट

हाईकोर्ट के एक आदेश को खारिज करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि बिना शादी किए लंबे समय तक एक साथ रहने वाले जोड़े के नाजायज बच्चों को भी पारिवारिक संपत्ति का हिस्सा मिल सकता है।

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस विक्रम नाथ ने ये फ़ैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने ये फ़ैसला देते हुए केरल हाई कोर्ट के उस फ़ैसले को दरकिनार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि बगैर शादी के साथ रहे जोड़े की संतान को परिवार की संपत्ति में हिस्सा नहीं मिल सकता.

जिस जोड़े का मामला सुप्रीम कोर्ट के पास आया था, उसके बारे में बेंच ने कहा कि ये जोड़ा लंबे समय से साथ रह रहा था. इसने अपने रिश्ते को एक शादी-शुदा जोड़े की तरह ही बनाए रखा. इसलिए इनका बेटा पैतृक संपत्ति में उचित हिस्से का हक़दार होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने हाल में अपने फ़ैसले में कहा, ”लंबे समय तक बगैर शादी के साथ रहे जोड़े से पैदा अवैध संतान को परिवार की संपत्ति में हिस्सा मिलेगा.”

जिस जोड़े का मामला सुप्रीम कोर्ट के पास आया था, उसके बारे में बेंच ने कहा कि ये जोड़ा लंबे समय से साथ रह रहा था. इसने अपने रिश्ते को एक शादी-शुदा जोड़े की तरह ही बनाए रखा. इसलिए इनका बेटा पैतृक संपत्ति में उचित हिस्से का हक़दार होगा.

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सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा,” हमने प्रतिवादियों के सबूतों का अध्ययन किया है. हमारा विचार है कि दामोदरन और चिरुथाकुट्टी साथ रहे हैं. ऐसे में प्रतिवादी ये साबित करने में असफल रहे हैं कि दोनों में शादी नहीं हुई है. ‘

सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस फ़ैसले को बरकरार रखा, जिसने पैतृक संपत्ति में बँटवारा करने और इसका उचित हिस्सा इस जोड़े से पैदा बच्चे को देने को कहा था.

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