मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की घोषणा,अब 50 साल में मिलेगी वृद्धावस्था पेंशन

झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने वृद्धावस्‍था पेंशन के लिए योग्‍यता आयु 60 साल से घटाकर 50 साल करने और राज्‍य में अपने ऑफिस स्‍थापित करने वाली कंपनियों में 75 फीसदी नौकरियों को स्‍थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने का ऐलान किया है. सोरेन ने अपनी सरकार की चौथी वर्षगांठ पर यह घोषणाएं की हैं।

हेमंत सोरेन ने राज्य में झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार के चार साल पूरे होने के अवसर पर रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए यह घोषणा की. उन्होंने तर्क दिया कि सरकार ने आदिवासियों और दलितों को 50 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर पेंशन लाभ प्रदान करने का निर्णय लिया है. उनमें मृत्यु दर अधिक है और उन्हें 60 साल के बाद नौकरी नहीं मिलती है.

हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड देश का सबसे गरीब राज्य है. यह कोरोना और सूखे से जूझता रहा है. यहां सबसे ज्यादा किसान और मजदूर रहते हैं. ऐसे राज्‍य के लिए आपदाएं अभिशाप के बराबर है. कोरोना के दौरान कई राज्‍यों में इंसानों की मौत हुई, लेकिन ऐसी स्थिति में झारखंड सरकार में कोई अफरातफरी नहीं हुई।

उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार बनी, तो कोरोना काल चल रहा था. ये अभिशाप की तरह था. ऐसे भी झारखंड की गिनती सबसे पिछड़े राज्य में की जाती है. यहां मजदूर एक दिन मजदूरी नहीं करता है तो उसके घर का चूल्हा नहीं जलता है. ऐसे समय में हमारी जंग कोरोना और भुखमरी दोनों से थी. उस समय हमने पूरे देश में ऑक्सीजन दिया. बिना पैनिक किए हमने पूरी स्थिति को संभाला.

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