मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल जज ने बिना पर्याप्त कारणों और आधार के दो साल की अधिकतम सजा सुनाई है.
कोर्ट ने राहुल गांधी को कथित टिप्पणी करते समय सावधान रहने के लिए भी कहा है.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील केसी कौशिक ने कहा, “कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी है…सबसे महत्वपूर्ण बात है कि कोर्ट ने यह कहा है कि यह किसी एक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि जिन लोगों ने राहुल गांधी को संसद में पहुंचाया है उनके अधिकारों का हनन है.”
'Modi' surname remark | Supreme Court says no reason has been given by trial court judge for imposing maximum sentence, order of conviction needs to be stayed pending final adjudication.
— ANI (@ANI) August 4, 2023
कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा- यह नफरत के ख़िलाफ मोहब्बत की जीत है, सत्यमेव जयते.
राहुल गांधी की सांसदी जाने के 133 दिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले को ही पलट दिया, जिसकी वजह से उनकी सांसदी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि केस में राहुल गांधी की 2 साल जेल की सजा पर शुक्रवार को रोक लगा दी। इसके साथ ही कोर्ट ने निचली अदालतों के फैसले पर तीन सबसे जरूरी बातें कहीं….
1. हम जानना चाहते हैं कि जज ने अधिकतम सजा क्यों दी। ट्रायल जज को फैसले में बताना चाहिए था कि उन्होंने अधिकतम सजा क्यों दी। अगर जज ने 1 साल 11 महीने की सजा दी होती तो राहुल गांधी को डिसक्वालिफाई नहीं किया जाता।
2. अधिकतम सजा के चलते एक लोकसभा सीट बिना सांसद के रह जाएगी। यह सिर्फ एक व्यक्ति के अधिकार का ही मामला नहीं है, ये उस सीट के वोटर्स के अधिकार से भी जुड़ा मसला है।
3. इस बात में कोई शक नहीं कि भाषण में जो भी कहा गया, वह अच्छा नहीं था। नेताओं को जनता के बीच बोलते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए। यह राहुल गांधी का कर्तव्य बनता है कि इसका ध्यान रखें।