झारखंड में भी होगी जातीय जनगणना,विधानसभा में प्रस्ताव पेश कर सकती है सरकार

झारखंड सरकार ‘जाति आधारित जनगणना’ कराने पर विचार कर रही है. राज्य सरकार की इसकी तैयारी में जुटी है. विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जायेगा. जातियों को जनसंख्या के आधार पर नियुक्ति से लेकर अन्य लाभ मिल सकें, इसके लिए ‘जाति आधारित जनगणना’ कराने की मांग लगातार उठती रही है.

राज्य सरकार विधानसभा में प्रस्ताव पेश करने की तैयारी की जा रही है। झारखंड में भी जाति आधारित जनगणना को लेकर मांग उठती रही है, राज्य में ओबीसी आरक्षण का मामला अब भी अधर में है।

जाति आधारित जनगणना को लेकर फैसला केंद्र को लेना है इससे पहले भी सरना धर्म कोड का मामला केंद्र के पास लंबित है। ऐसे में कहना मुश्किल है कि राज्य में जाति आधारित जनगणना को लेकर केंद्र जल्द फैसला करेगा। विधायक प्रदीप यादव ने इसे लेकर विधानसभा में सवाल भी किया जिसके जवाब में राज्य सरकार ने कहा है कि ‘जाति आधारित जनगणना’ का विचार किया जा रहा है और इसे केंद्र सरकार के पास भेजा जायेगा।

क्या है जातीय जनगणना

देश या क्षेत्र की जनसंख्या को उनकी जाति के आधार पर गिना जाता है। जाति आधारित जनगणना के माध्यम से जानकारी संकलित कर उसी आधार पर योजना बनाने की तैयारी की जाती है ताकि समाज में सबकी भागीदारी बराबर रहे। इस जानकारी का उपयोग राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और कल्चरल नीतियों को बनाने और प्राथमिकताओं को निर्धारित करने के लिए करते हैं। इस प्रक्रिया से यह जानकारी प्राप्त की जाती है कि किस जाति के लोग किस भूभाग में अधिकांशतः निवास करते हैं और इससे उन्हें उस क्षेत्र के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक संदर्भ के बारे में जानकारी मिलती है।

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