नए साल में रांची से पटना की दूरी 100 किमी तक कम होने वाली है। न केवल दोनों राज्यों की राजधानी एक-दूसरे से रेल नेटवर्क से नजदीक हो जाएंगे बल्कि सफर भी बेहद रोमांचक होगा। घने जंगल और पहाड़ियों से घिरे रेल मार्ग पर चार सुरंगें, पांच बड़े ओवरब्रिज और 32 घुमावदार मोड़ से हाकर ट्रेन गुजरेगी।
रांची से कोडरमा तक बिछाई गई नई रेल लाइन से। 20 दिसंबर को रेल संरक्षा आयुक्त-सीआरएस (कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी) पूर्वी सर्किल शुभोमय मित्रा इस नए रेल मार्ग का स्पीड ट्रायल करेंगे। उनके साथ पूर्व मध्य रेल के शीर्ष अधिकारियों के साथ धनबाद रेल मंडल के डीआरएम समेत पूरा अमला भी मौजूद रहेगा। सीआरएस का ग्रीन सिग्नल मिलते ही ट्रेन चलाई जा सकेगी।
वाया बरकाकाना, हजारीबाग, कोडरमा इस नयी रेल लाइन के जरिये रांची से पटना के बीच की दूरी 13 की जगह 11 घंटे में तय हो सकेगी. रांची-पटना के बीच चलनेवाली ट्रेनों को अब गोमो और प बंगाल के झालदा नहीं जाना पड़ेगा. बरकाकाना से ही सीधे हजारीबाग, कोडरमा होते हुए ट्रेनें पटना निकल जायेंगी.
रांची से कोडरमा तक लगभग 200 किमी लंबी रेल लाइन का बड़ा हिस्सा पूरा हो चुका है। सिधवर से सांकी तक 27 किमी दुरूह रेल मार्ग पर इंजन चलाकर रेलवे ने दो चरणों में ट्रायल भी पूरा कर लिया है। पूर्व मध्य रेल महाप्रबंधक भी सिधवर-सांकी रेल मार्ग का निरीक्षण पूरी कर चुके हैं।
नई रेल लाइन चालू होते ही रांची -पटना की ट्रेनें रांची से बोकारो और गोमो की ओर मुड़े बगैर सीधे बरकाकाना, हजारीबाग टाउन होकर कोडरमा पहुंचेगी और पटना की ओर चली जाएंगी। दूरी सौ किमी से अधिक कम हो जाएगी जिससे यात्रा अवधि भी घटेगी