राजधानी रांची में नए साल में पायलट प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए 1000 स्मार्ट मीटर जनवरी से प्रीपेड में बदल जाएंगे। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के आईटी सेल ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। मीटर के प्रीपेड हो जाने के बाद बिलिंग भी शुरू हो जाएगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए मीटर टेस्टिंग के सभी पैरामीटर्स में पास हो गए हैं।
उपभोक्ताओं के घरों में लगाया जा रहा स्मार्ट मीटर प्रीपेड होगा। इसे मोबाइल की तरह रिचार्ज करना होगा। इसमें एक सिम होगा, जिसे रिचार्ज करना होगा। यह एप्लीकेशन बेस्ड होगा। उपभोक्ता अपने मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करेंगे। उपभोक्ता पहले अपना मीटर रिचार्ज करेंगे। जितना बैलेंस डालेंगे, उतने की ही बिजली जला सकेंगे। बैलेंस कम या खत्म होने की स्थिति में मैसेज आएगा। जिसे उपभोक्ता रिचार्ज करा सकेंगे। अभी रांची के जिन इलाके में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, उसकी मॉनिटरिंग की जाएगी। इसकी सफलता को देखते हुए स्मार्ट मीटर लगाने की रफ्तार बढ़ायी जाएगी।
जनवरी के अंत तक राजधानी में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की व्यवस्था शुरू हो जाएगी। बहुत जल्द जेबीवीएनएल द्वारा एक ऐप लांच किया जाएगा। इस एप के लांच होने पर उपभोक्ता इसके माध्यम से अपने बिजली बिल का भुगतान कर सकेंगे। विभागीय अधिकारी के मुताबिक रांची में 3.5 लाख उपभोक्ताओं के घर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य है।
झारखंड बिजली वितरण निगम के सूत्रों के मुताबिक स्मार्ट मीटर लगाने के लिए धनबाद जिले को राशि आवंटित कर दिया गया है। इसके साथ ही टेंडर की प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो चुकी है। एजेंसी का चयन लगभग फाइनल हो गया है। कौन सी एजेंसी, घरों में स्मार्ट मीटर लगाएगी इसके नाम की घोषणा इसी हफ्ते कर दी जाएगी। धनबाद के साथ-साथ जमशेदपुर में भी स्मार्ट मीटर लगाया जाएगा। जमशेदपुर में भी डेढ़ लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।