मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों के रास्ते पर चलते तो आज एक भी झारखंडी को नौकरी नहीं मिलती. खतियान के आधार पर कभी नियोजन नीति नहीं बन सकती है. अगर बना तो कोर्ट खारिज कर देगा. यह नीति कैसे बनेगी, यह मुझे पता है. यह जनभावना के अनुरूप बनेगी.
विधानसभा में मंत्रिमंडल सचिवालय व निगरानी विभाग की अनुदान मांग पर सरकार का पक्ष रखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत ही भूमि का अधिग्रहण किया जायेगा. किसी दूसरे कानून के तहत भूमि अधिग्रहण नहीं होगा. उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में केंद्र में यूपीए की सरकार थी, उसी समय यह कानून बना था.