हर साल 22 मार्च के दिन विश्व जल दिवस मनाया जाता है.आइये जानते है क्या कुछ खास पानी में और इसके कमी के कारण लोगो मे असर पड़ता है,डॉक्टरों की मानें, तो दिन में जितनी बार खाना खाएं, उतनी बार कम से कम पानी ज़रूर पियें. कम पानी पीने से किडनी से जुड़ी समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है. पाचन ख़राब होता है और ख़ूँन की क्वालिटी बिगड़ती है.
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छोटे बच्चों और बुज़ुर्गों को डी-हाईड्रेशन से सबसे ज़्यादा ख़तरा होता है. और सही वक़्त पर इसपर ध्यान नहीं दिया जाए, तो ये जानलेवा हो सकती है.शरीर में पानी की कमी होने पर सबसे पहले मुँह सूखता है. प्यास लगने लगती है. ये है डी-हाईड्रेशन की पहली निशानी.इसके बाद पेशाब का रंग गहरा पीला होने लगता है. उसमें दुर्गंध बढ़ जाती है. डॉक्टरों के अनुसार, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पानी की कमी होने पर ख़ूँन में शुगर और नमक (सोडियम) का बेलेंस ख़राब हो जाता है.अगले कुछ घंटों में पेशाब की मात्रा एकदम से घट जाती है. कुछ लोगों को चक्कर आने लगते हैं और आँखें थकान महसूस करने लगती हैं.
ये स्थिति ख़तरनाक है. इसके बाद किसी की भी मौत हो सकती है या इलाज मिलने के बाद भी डॉक्टरों के लिए मरीज़ को बचाना चुनौती भरा हो सकता है.शरीर पानी से थूक बनाता है जो पाचन क्रिया के लिए ज़रूरी है.
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