राज्यपाल-सह-झारखण्ड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति रमेश बैस ने विश्वविद्यालय में पदाधिकारियों के रिक्त पदों पर आविलम्ब नियुक्ति का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय में कुलसचिव, उप कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक, वित्त पदाधिकारी जैसे पदों का रिक्त रहना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में स्थाई व्यवस्था होना चाहिये ताकि वे अपने कार्य के प्रति पूर्णतः जिम्मेदार हों। राज्यपाल महोदय आज राज भवन में राज्य के विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक एवं प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ. नितिन कुलकर्णी, झारखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी, प्रधान सचिव, वित्त श्री अजय कुमार सिंह, प्रधान सचिव, कार्मिक, वंदना डाडेल, सचिव, भवन निर्माण विभाग सुनील कुमार सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति मौजूद थे।
राज्यपाल महोदय ने कहा कि समस्याएं आज भी हैं। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, कार्मिक विभाग, झारखण्ड लोक सेवा आयोग को अपने कार्यों में और तेजी लानी होगी। झारखंड लोक सेवा आयोग को नियुक्ति प्रक्रिया में गति लाने की आवश्यकता है। छात्रहित में वित्तीय संसाधन (फंडिंग) भी होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि वे इन तीन महीने में विश्वविद्यालयों में हुई कार्य-प्रगति से संतुष्ट नहीं है। सिर्फ आश्वासन से कम नहीं चलेगा, सबको छात्रहित में हर हाल में प्रतिबद्धता से कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि आज जो भी बातें हुई, मुद्दे उठे, समस्याएँ बताई गई और आप लोगों ने सुनी, उन पर गंभीरता से कार्य करें, सिर्फ आश्वासन देने से काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि मुझे परिणाम चाहिये, यह बात मैं पूरी गंभीरता से कह रहा हूँ।
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राज्यपाल महोदय ने चांसलर पॉर्टल की समीक्षा करते हुए कहा कि महाविद्यालय इसमें सहयोग कर इसे प्रभावी बनायें। उन्होंने अगले सत्र के लिये शैक्षणिक सत्र का निर्माण शीघ्र ही कर लें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में समय पर परीक्षा का संचालन हों एवं परीक्षा परिणाम जारी हो ताकि शैक्षणिक सत्र किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा में सम्मिलित होने में बाधा न बने। माननीय राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों द्वारा समय पर दीक्षांत समारोह नहीं किया जाता है, तो विश्वविद्यालय उपाधि उनके घर प्रेषित करें। दीक्षांत समारोह में विलंब के कारण विद्यार्थियों को परेशानी नहीं होनी चाहिये। उन्होंने सभी शिक्षण संस्थानों में डिजिटाइजेशन पर चर्चा करते हुए कहा कि सभी शिक्षण संस्थानों को वाई-फाई युक्त करें।
राज्यपाल महोदय ने विश्वविद्यालय में शोध के स्तर के उच्च करें। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में वित्तीय अंकेक्षण का कार्य पूर्ण कर लिया जाना चाहिये। उन्होंने राज्य में ओपेन यूनिवर्सिटी के अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने राज्य के विश्वविद्यालयों को सामाजिक कार्य करने हेतु भी कहा। उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर आयोजित किये जा रहे सभी कार्यक्रमों की जानकारी राज भवन को प्रेषित करने हेतु निदेश दिया। उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों से नई शिक्षा नीति के संदर्भ में भी चर्चा करते हुए कहा कि इस संदर्भ में कार्यशाला, सेमिनार का आयोजन करें। उन्होंने झारखंड हायर एजूकेशन काउंसिल के कार्यों के संदर्भ में पृच्छा की।
राज्यपाल ने निर्माणाधीन भवनों के निर्माण कार्य की प्रगति की जानकारी लेते हुए भवन निर्माण सचिव को निदेश दिया कि निर्माणाधीन भवनों के निर्माण कार्य में तीव्रता लाई जाय एवं विश्वविद्यालय को शीघ्र हस्तांतरित करें। उन्होंने विभिन्न विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में चाहरदीवारी कराने हेतु निदेश दिया।
बैठक में कहा गया कि विश्वविद्यालयों में रिक्त प्रशासनिक पदों पर शीघ्र ही नियुक्ति कर ली जायेगी। साथ ही अवगत कराया कि विश्वविद्यालयों में 1000 से अधिक पद स्वीकृत किया गया है। रोस्टर क्लिरेंस की दिशा में अवगत कराते हुए कहा गया कि रोस्टर क्लियरेंस में यूनिवर्सिटी को यूनिट माना जायेगा।
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