क्या वाकई ‘अशोक स्तम्भ’ के चिन्ह बदल गया,छिड़ा राजनीतिक विवाद
पीएम नरेंद्र मोदी ने निर्माणाधीन नए संसद भवन के ऊपरी तल पर भारत के राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तम्भ का अनावरण किया.यह स्तंभ देश की पहचान है. अब इसे लेकर सवाल भी उठ रहे हैं. आरोप लगाए जा रहे हैं कि राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ को बदल दिया गया है.
केंद्र की संस्कृति मंत्रालय में सचिव रहे और अभी तृणमूल कांग्रेस के सांसद जवाहर सरकार ने राष्ट्रीय चिह्न की नई और पुरानी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है, ”मूल राष्ट्रीय चिह्न बाईं तरफ़ है, जो सुंदर और शान के साथ आत्मविश्वास से भरा है. दाईं तरफ़ मोदी वर्जन वाला राष्ट्रीय चिह्न है, जिसे संसद की नई इमारत की छत पर लगाया गया है. इसमें शेर गुर्रा रहा है और अनावश्यक रूप से आक्रामक के साथ बेडौल है. शर्मनाक! इसे तत्काल बदलें!”
Insult to our national symbol, the majestic Ashokan Lions. Original is on the left, graceful, regally confident. The one on the right is Modi’s version, put above new Parliament building — snarling, unnecessarily aggressive and disproportionate. Shame! Change it immediately! pic.twitter.com/luXnLVByvP
— Jawhar Sircar (@jawharsircar) July 12, 2022
प्रशांत भूषण ने अपने ट्वीट में लिखा है, ”गांधी से गोडसे तक, हमारे राष्ट्रीय चिह्न में चारों शेर शान के साथ शांति से बैठे हैं जबकि नए राष्ट्रीय चिह्न जो संसद की नई इमारत की छत पर लगाया गया है; के शेर नुकीले दाँतों के साथ ग़ुस्से में हैं. यही मोदी का नया भारत है!”
मूल कृति के चेहरे पर सौम्यता का भाव तथा अमृत काल में बनी मूल कृति की नक़ल के चेहरे पर इंसान, पुरखों और देश का सबकुछ निगल जाने की आदमखोर प्रवृति का भाव मौजूद है।
हर प्रतीक चिन्ह इंसान की आंतरिक सोच को प्रदर्शित करता है। इंसान प्रतीकों से आमजन को दर्शाता है कि उसकी फितरत क्या है। pic.twitter.com/EaUzez104N
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) July 11, 2022
राष्ट्रीय जनता दल ने ट्वीट कर कहा है, ”मूल राष्ट्रीय चिह्न में सौम्यता का भाव और अमृत काल में बनी मूल कृति की नक़ल के चेहरे पर इंसान, पुरखों और देश का सबकुछ निगल जाने की आदमखोर प्रवृति का भाव मौजूद है. हर प्रतीक चिह्न इंसान की आंतरिक सोच को प्रदर्शित करता है. इंसान प्रतीकों से आमजन को दर्शाता है कि उसकी फितरत क्या है.”
कांग्रेस पार्टी के कम्युनिकेशन प्रमुख जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा है, ”सारनाथ के अशोक स्तंभ में शेरों की प्रकृति को पूरी तरह से बदल दिया गया है. यह भारत के राष्ट्रीय चिह्न का निर्लज्ज अपमान है.”
To completely change the character and nature of the lions on Ashoka's pillar at Sarnath is nothing but a brazen insult to India’s National Symbol! pic.twitter.com/JJurRmPN6O
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 12, 2022