गुजरात दंगो पर अमित शाह का इंटरव्यू: बोले,’19 सालों तक मोदी जी विषपान करते रहे…

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गुजरात दंगो पर अमित शाह का इंटरव्यू: बोले,’19
सालों तक मोदी जी विषपान करते रहे…

केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह ने शनिवार को समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में साल 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों पर विस्तार से अपनी बात रखी है.

समाचार एजेंसी एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश को दिए क़रीब 40 मिनट के इस इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि ‘सुप्रीम कोर्ट ने तब की गुजरात सरकार पर लगाए गए आरोपों को खारिज़ किया है. सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से यह भी साफ़ होता है कि वे आरोप राजनीतिक मंशा से प्रेरित थे.’

अमित शाह ने कहा कि 19 साल के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जो जजमेंट दिया है उससे पीएम मोदी पर लगे सारे आरोपों को ख़ारिज कर दिया गया है. साथ ही इसे राजनीति से प्रेरित बताया गया. इस फ़ैसले से बीजेपी की सरकार पर लगा धब्बा भी हटा है.

अमित शाह ने कहा कि ‘पीएम मोदी से भी पूछताछ हुई लेकिन कोई धरना प्रदर्शन नहीं हुआ. हमने न्याय प्रक्रिया का साथ दिया. मुझे भी गिरफ़्तार किया गया था लेकिन कोई धरना प्रदर्शन नहीं हुआ.’

अमित शाह ने कहा कि आरोप था कि ‘दंगों में मोदी का हाथ था.’अमित शाह ने कहा कि दंगे हुए थे लेकिन आरोप लगा था कि उसमें मुख्यमंत्री मोदी और राज्य सरकार का हाथ था और अब सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से सबकुछ साफ़ हो गया है.

उन्होंने कहा, “दंगे हुए थे, इससे कोई इनक़ार नहीं कर रहा है कि लेकिन आरोप लगा था कि दंगे राज्य सरकार ने करवाए. दंगे मोटिवेटेड थे. यहां तक की मुख्यमंत्री का हाथ होने की बात भी कह दी गई.”

शाह ने कहा कि लेकिन आज कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि मुख्यमंत्री ने बार-बार शांति की अपील की. राज्य सरकार ने दंगा रोकने की भरसक कोशिश की.

अमित शाह ने आरोप लगाया कि बीजेपी के ख़िलाफ़ विरोधी पार्टियों, कुछ पत्रकारों और एनजीओ ने इस झूठ को इतना प्रचारित किया कि झूठ ही सच लगने लगा.

वहीं उन्हें पीएम मोदी पर कहा-

अमित शाह ने कहा कि 18-19 साल की लड़ाई और देश का इतना बड़ा नेता एक शब्द बोले बगैर, सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर, सहन करके लड़ता रहा और आज जब सत्य सोने की तरह चमकता हुआ बाहर आया है, तो आनंद ही होगा.

अमित शाह ने कहा, “मैंने पीएम मोदी को नज़दीक से इस दर्द को झेलते हुए देखा है क्योंकि न्यायिक प्रक्रिया चल रही थी तो सब कुछ सत्य होने के बावजूद भी हम कुछ नहीं बोलेंगे.. बहुत मज़बूत मन का आदमी ही ये स्टैंड ले सकता है.”

सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का ज़िक्र करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपों को ख़ारिज किया है और आरोप क्यों लगाए गए, इसके विषय में भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा है.

“एक प्रकार से ये आरोप राजनीति से प्रेरित थे, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने ये भी सिद्ध कर दिया है. भाजपा की विरोधी राजनीतिक पार्टियां, कुछ विचारधारा के लिए राजनीति में आये हुए पत्रकार और कुछ एनजीओ ने मिलकर इन आरोपों को इतना प्रचारित किया और इनका इकोसिस्टम इतना मज़बूत था कि धीरे धीरे झूठ को ही सब सच मानने लगे.”

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