झारखंड में सरहुल और रामनवमी के गाइडलाइन को लेकर आदिवासी समाज ने जताया विरोध

झारखंड में सरहुल और रामनवमी के गाइडलाइन को लेकर आदिवासी समाज ने जतायी नाराजगी।

कोरोना संक्रमण के दो साल बाद झारखंड में सरहुल और रामनवमी की शोभायात्रा लेकर मंगलवार को सीएम हेमंत सोरेन ने हरी झंडी दे दी है.

वही शोभायात्रा के लिए सीएम द्वारा नई गाइडलाइन जारी किया गया है,

जिसमे जुलूस के दौरान कहीं भी 1000 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकेंगे रिकॉर्ड किया हुआ संगीत बजाने पर पूरी तरह से रोक रहेगी। जुलूस में शामिल लोगों को मास्क
लगाना अनिवार्य होगा। जुलूस निकालने से पहले जिला मजिस्ट्रेट की सहमति जरूरी होगी।

जिसके बाद समितियों ने इसको लेकर कहा 100 से अदिक लोग शोभायात्रा में शामिल नहीं हे सकते, शाम 6 बजे के बाद शोभायात्रा समाप्त हो जाना चाहिए, डीजे सहित साउंड सिस्टम का उपयोग नहीं करने जैसी पांबदियां लगाई है। इसका कई समितियों ने विरोध किया है। वही सरकार के इस फैसले से नाखुश है,केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि राज्य प्रशासन ने सरहुल और रामनवमी शोभायात्रा पर जो नियम-शर्तें लगाईं है, हम उसका विरोध करते है। वही समिति ने जारी के गयी गाइडलाइन में सरकार से संसोधन करने की बात कही है।

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झारखंड में सरहुल और रामनवमी की शोभायात्रा को लेकर सीएम ने जारी कि नई गाइडलाइन

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